Hacking करना आजकल आम बात हो गई है कई लोग इसका इस्तेमाल अच्छे काम में करते हैं और कई लोग किसी का बुरा करने के लिए।
इसलिए ये सवाल उठता ही है कि क़ानून की नज़र में hacking जायज़ है ये ग़ैर क़ानूनी है?
अगर आप भी हैकिंग सीख रहे हैं तो आपको ये बात पता ही होनी चाहिए कि क़ानून की नज़र में हैकिंग अपराध है या सामान्य बात है!
सबसे पहले तो हमको ये समझाना होगा कि Hacking में असल में होता क्या है?
तो देखो hacking करने वाला हैकर असल मायने में किसी दूसरे के निजी डेटा निजी कंप्यूटर या मोबाइल में चोरी से घुस ही तो रहा होता है। यानी की अपराध ही कर रहा होता है।
लेकिन क़ानून इसको किस तरह से परिभाषित करता है ये समझना ज़रूरी है।
Hacking crime hai
भारत के क़ानून के अनुसार हैकिंग एक क्राइम है और इसे साइबर अपराध के अन्तर्गत परिभाषित किया गया है।
एक hacker ने किस उद्देश्य से किस तरह की हैकिंग की है और उसके एक कार्य से क्या नुक़सान हुआ है। इस सबको देखते हुए सजा और जुर्माना तय किया जाता है।
मसलन, Hacker ने hacking करके किसी की निजी जानकारियाँ चुराई तो इस स्थिति में उस पर धारा 66 के तहत मामला दर्ज होगा और इसमें डेटा चोरी, ब्लैकमेलिंग और धोखाधड़ी की अन्य धाराएँ भी जोड़ी जायेंगी।
साफ़ शब्दों में कहें तो बर्बादी होना ।
इसमें तीन साल की सजा और लाखों का जुर्माना चिपकाया जा सकता है।
ये तो सिर्फ़ आम तरह की hacking पर होने वाला केस है। वही यदि hacker देश की सुरक्षा एजेंसियों के सिस्टम हैक करता है तो उसे उम्रक़ैद की सजा हो सकती है।
हैकिंग अपराध क्यों है?
भारत सरकार के द्वारा हैकिंग को अपराध घोषित करने के पीछे कई बड़े कारण हैं, ऐसी घटनाएं हुई है जिसकी वजह से सरकार को यह कदम उठाने पड़े।
हैकिंग एक ऐसा हुनर है जिसका उपयोग अच्छे और बुरे दोनों कामों में होता रहता है। इसके अच्छे काम तो काम बुरे काम मैं इस्तेमाल ज्यादा होते हैं और कई बार हैकर किसी व्यक्ति की निजी जानकारी उठाकर उसको इतना मानसिक त्रास देते हैं पैसा देने के बाद भी परेशान हुआ व्यक्ति आत्महत्या करने को मजबूर हो जाता है।
कई बार तो हैकर सरकारी सुरक्षा की जानकारी को उठाकर के दुश्मनों तक पहुंचा देते हैं जिस देश की सुरक्षा को खतरा होता है। इस वजह से भी हैकिंग एक अपराध है।
किस तरह की हैकिंग अपराध नहीं है?
यदि किसी व्यक्ति का अकाउंट किसी अन्य हैकर के द्वारा हैक कर लिया गया है तो वह व्यक्ति खुद या फिर दूसरे हैकर की मदद लेकर के अपने अकाउंट की रिकवरी कर सकता है ऐसे में दूसरा हैकर अपराध नहीं कर रहा होता है।
यदि किसी हैकर ने देश के किसी दुश्मन का सिस्टम हैक करके उसकी जानकारियां सार्वजनिक की है तो वह भारत के कानून के तहत अपराध नहीं माना जाएगा।
अपराधिक किस्म के लोगों का निजी जानकारी है करना और उनकी लोकेशन तथा उनके फोन के फोटोस वीडियो डाटा निकाल कर के पुलिस की मदद करना अपराध की श्रेणी में नहीं आता।
अंत में
इस लेख में आपने जाना की हैकिंग लीगल है या फिर इलीगल। आसान शब्दों में आप समझ ही गए होंगे की कानून की मदद करने के लिए या फिर किसी व्यक्ति अथवा कंपनी की निजी सुरक्षा के लिए की गई हैकिंग अपराध नहीं है परंतु किसी अन्य व्यक्ति को हानि पहुंचाने के लिए उसके निजी जानकारी को हैक करना अपराध में आता है।