Simpl BNPL App का लोन नहीं चुकाया? डरने की जरूरत नहीं

अगर आपने किसी ऑनलाइन लोन देने वाली कंपनी या फिर क्रेडिट लाइन देने वाली कंपनी जैसे की सिंपल पे से क्रेडिट या फिर लोन लिया हुआ है और अब आप उसे चुका नहीं पा रहे हैं या फिर चुकाना चाहते ही नहीं है. लेकिन आपको कार्यवाही का डर भी लग रहा है तो डरने की आवश्यकता नहीं. हम आपको बताएंगे कि आप अपने बचाव में क्या कर सकते हैं. जिससे लोन देने वाली कंपनी आपका कुछ बिगाड़ नहीं पाए.

सिंपल क्रेडिट अपने कस्टमर को 500 से 5000 तक शुरुआत में देती है यदि आपने भी सिंपल से क्रेडिट लाइन ली है और आप उसे वापस करना नहीं चाह रहे हैं तो हम आपके यहां पर बचाव के तरीके बताएंगे, इससे आपको कंपनी की एजेंट परेशान कर भी नहीं पाएंगे साथ ही कोई कार्यवाही भी नहीं कर पाएंगे.

क्या है Simpl BNPL?

“Simpl Buy Now Pay Later” ग्राहकों को खरीदारी करने की सुविधा प्रदान करती है और उन्हें बाद में भुगतान करने का विकल्प देती है। इसके माध्यम से ग्राहक अब उत्पादों को खरीद सकते हैं और उन्हें अपने वित्तीय खातों से आसान किश्ती योजना के अनुसार बाद में भुगतान करने का विकल्प होता है।

यह उपभोक्ताओं को उनके खरीदारी व्यवहार को सुविधाजनक बनाने में मदद करने वाला व्यक्तिगत ऋण-जैसा विकल्प प्रदान करता है। Simpl एप के द्वारा मिलने वाले कर्ज का उपयोग सिर्फ ऑनलाइन खरीद में यूज किया जा सकता है.

क्या करें जब Simpl Buy Now Pay Later की ईएमआई बाउंस हो जाए ?

जितने भी ऑनलाइन लोन देने वाले ऐप चल रहे हैं यह सभी स्मॉल क्रेडिट लोन या फिर पर्सनल लोन देते हैं और इस प्रकार के लोन अनसिक्योर्ड लोन में आते हैं. यानी कि इस लोन को देते समय लोन लेने वाले से कंपनी किसी भी प्रकार की वस्तु या फिर किसी अन्य व्यक्ति की गारंटी नहीं मांगती है.

इस प्रकार के अनसिक्योर्ड लोन देने वाले यह जितने भी ऑनलाइन एनबीएफसी और लोन प्रदाता ऐप है यह इनको सबको आरबीआई अन्य रिजर्व बैंक ऑफ़ इंडिया के कानून के हिसाब से चलना होता है. और आरबीआई जबरन किसी भी उपभोक्ता से लोन वसूली करने से रुकती है. यानी कि कोई भी कंपनी आपसे जबरन लोन की भरपाई नहीं करवा सकती.

सबसे पहले आरबीआई की गाइडलाइन क्या है वह पढ़िए.

आरबीआई की गाइडलाइन

इन कंपनियों के लिए रिजर्व बैंक इंडिया ने गाइडलाइन और कानून तैयार किए हैं, और इन कंपनियों को निर्देश दिया है कि आप किसी को लोन देने से पहले पूरी जांच कर लीजिए. जांच इस बात की करनी है कि लोन जिस व्यक्ति को आप दे रहे हैं क्या वह लोन चुकाने में समर्थ है, या फिर ईमानदारी से लोन चुकाएगा. जब इस बात की तसल्ली हो जाए तभी कंपनी किसी को लोन दे.

आरबीआई ने यह गाइडलाइन इसलिए बनाई क्योंकि कई सारी बैंक्स के कर्मचारी और मैनेजर किसी व्यक्ति को कुछ पैसे देकर उसे प्यादा बनाकर उस के नाम पर लाखों रुपए का लोन निकाल लेते थे यह सारे मिले रहते हैं और वह व्यक्ति लोन का पैसा वापस नहीं करता था. मुख्य बैंक इसमें उसे व्यक्ति को दोषी मानती थी जिसके नाम पर पैसा निकाला गया. उसके ऊपर कार्यवाही हो जाती थी. घर की कुर्की कर ली जाती थी.

पहले लोन का पैसा वापस न करने पर आरबीआई इन बैंक्स को भरपाई देने का कार्य करती थी और कानूनी तरह से पैसा वसूल करवाती थी. इस तरह बहुत ज्यादा फ्रॉड हो रहे थे. और प्राइवेट बैंक अंधाधुंध पैसा बांट रही थी. क्योंकि जिम्मेदारी तो आरबीआई को देखनी थी. परंतु इस नई गाइडलाइन से अब आरबीआई किसी भी प्रकार की जिम्मेदारी नहीं लेती. अब लोन देने वाली बैंक की ही सारी जिम्मेदारी है अगर अनसिक्योर्ड लोन है तो फिर प्राइवेट बैंक के पास कानूनी कार्यवाही करने का कोई हक नहीं.

इस बात का सीधा सा अर्थ यह है कि अगर किसी भी व्यक्ति ने किसी कंपनी के अनसिक्योर्ड लोन की भरपाई नहीं की तो वह कंपनी किसी भी प्रकार से उसे व्यक्ति पर कानूनी कार्यवाही नहीं कर पाएगी.

अगर आपने लोन का पैसा वापस नहीं किया तो क्या हो सकता है?

Simpl Buy Now Pay Later आपको अधिकतम 5 से 10000 रुपए ही मिल पाए होंगे, अगर मान ले कि इस ऐप ने आपको 60 से 70000 रुपए दे दिए थे तो भी यह इतनी बड़ी अमाउंट नहीं है. कंपनी के लिए यह बहुत छोटी अमाउंट है.

कंपनी वाले आपके ऊपर कानूनी कार्रवाई कतई नहीं कर सकते चाहे अमाउंट लाखों में ही क्यों ना हो, वह सिर्फ आपसे फोन कॉल करके पैसा चुका देने को कह सकते हैं. यह कंपनी वाले प्राइवेट रिकवरी एजेंसियों को हायर किए होते हैं. रिकवरी एजेंट आपको कॉल करके परेशान कर सकते हैं. कई बार तो आपके घर तक आ सकते हैं.

कर्ज रिकवरी एजेंट से बचने के लिए क्या करें?

रिकवरी एजेंसीज भी आरबीआई की पॉलिसी के तहत ही बनाई जाती है और इन्हीं एजेंसी के अंदर में कार्य करने वाले लोगों को रिकवरी एजेंट कहा जाता है. इन कंपनियों का रजिस्ट्रेशन इस बात पर होता है कि हम सिर्फ प्यार से जाकर के चीजों की रिकवरी करने का प्रयास करते हैं. आरबीआई ऐसी एजेंसियों को लाइसेंस देते वक्त उनका साफ निर्देश दिया गया होता है कि किसी भी प्रकार से उपभोक्ता से बदतमीजी नहीं की जानी है.

इसका साफ साफ अर्थ यह है कि यदि कोई रिकवरी एजेंट आपको फोन करके गाली गलौज करता है या फिर आपके दरवाजे पर आकर के ऐसा वसूली के नाम पर बदतमीजी करता है तो आप उसके ऊपर एफआईआर लिखवा सकते हैं. अगर वह आपसी मारपीट करने की कोशिश करता है या फिर गाली गलौज करता है तो आप अपने सम्मान की रक्षा में उस पर जवाबी कार्यवाही कर सकते हैं.

रिकवरी एजेंट की सैलरी 10 से 15000 होती है इसलिए वह वसूली का टारगेट पूरा करने के लिए बहुत मेहनत करते हैं, उनका कोई आपसे पर्सनल विवाद नहीं होता है लेकिन अपने टारगेट को पूरा करने के लिए वह कई बार गुंडा बनाकर दिखाते हैं असल में वह बहुत ही कमजोर होते हैं. यदि वह लोग आपसे बदतमीजी करें तो आप उन पर जवाबी कार्यवाही कर दीजिए एक बार यदि आप ऐसा कर देंगे तो भविष्य में कोई दोबारा रिकवरी एजेंट अगर आपसे बदतमीजी नहीं करेगा.

अंत में

उम्मीद करते हैं आपको यह जानकारी पसंद आई होगी, Simpl Buy Now Pay Later का लोन न चुका पाने के लिए अब आप चिंतित नहीं होंगे. ऐसी ही जरूरी और लाभदायक जानकारी के लिए हमारे साथ जुड़े रहें.

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