गूगल पर फर्जी वेस्बाइट्स द्वारा और कई सारे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के द्वारा सर्व शिक्षा अभियान में भर्ती के नाम पर खबरें चलाई जा रही है. परंतु यह खबरें पूरी तरह से झूठी हैं और फ्रॉड है. कई सारे लोग इसमें टीचर की भर्ती पाने के लिए आवेदन करके फीस दे रहे हैं, फीस करीबन 950 है. यह सभी लोग ठगे जा रहे हैं.
अगर आप भी सर्व शिक्षा अभियान टीचर भर्ती के खबर पर यकीन कर रहे हैं, तो आप भी अगला शिकार बन सकते हैं. यह खबर कैसे फैलाई गई और इस झूठी खबर के पीछे की सच्चाई क्या है? सब कुछ हम इस आर्टिकल में बताएंगे.
सर्व शिक्षा अभियान टीचर भर्ती (sarv shiksha abhiyan)
सबसे पहले तो आपको बता दें कि सर्व शिक्षा अभियान के नाम से भारत सरकार ने किसी भी प्रकार की टीचर भर्ती निकाली ही नहीं है. सर्व शिक्षा अभियान सिर्फ एक स्लोगन है जिसका अर्थ लोगों में शिक्षा के प्रति जागरूकता फैलाना है.
साल 2023 में https://samagra.education.gov.in/ के नाम से सरकार ने पोर्टल खोला था. इस पोर्टल का उद्देश्य शिक्षा व्यवस्था का सुधार करना था. परंतु 2023 साल में ही ठग लोगों द्वारा समग्र शिक्षा अभियान के नाम से एक फर्जी वेबसाइट http://samagra.shikshaabhiyan.co.in/ जारी कर दी गई. इस वेबसाइट पर टीचर की भर्तियां निकाल दी गई. आवेदन फीस के नाम पर लोगों से अच्छी खासी रकम लूट ली गई.
तब भारत सरकार के फैक्ट चेक मंत्रालय पीआईबी द्वारा इसका पर्दाफाश कर दिया गया. और कार्रवाई करने पर यह वेबसाइट बंद हो गई.
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लेकिन सिलसिला खत्म नहीं हुआ. हु बहू वही वेबसाइट एक अलग डोमेन नेम https://www.sarvashikshaabhiyan.com/ के नाम से दोबारा जारी कर दी गई. और अब यह वेबसाइट फिर से टीचर भर्ती के नाम पर लोगों के साथ फ्रॉड कर रही है. इस पर भी भारत सरकार के फैक्ट चेक मंत्रालय ने फैक्ट चेक जारी करते हुए इसका खुलासा करते हुए से फर्जी करार दिया है. और इस पर कार्यवाही के लिए आगे की प्रक्रिया कर दी गई है.
Sarvashikshaabhiyan.com वेबसाइट चलाने वाले की असलियत
इस डोमेन नेम को 25 तारीख महीना 7 2025 को खरीदा गया. और इसे पुरानी फ्रॉड वेबसाइट समग्र शिक्षा अभियान से लिंक करके सर्व शिक्षा अभियान बना दिया गया.
इस वेबसाइट को चलाने वाले व्यक्ति का नाम राहुल सिंह है. वेबसाइट का फॉर्म भरने के बाद जब आपको QR कोड मिलेगा. वह राहुल सिंह नामक व्यक्ति के बैंक अकाउंट से लिंक है.
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राहुल सिंह नामक व्यक्ति इस वेबसाइट का में मास्टरमाइंड या फिर, इस वेबसाइट फ्रॉड ग्रुप को चलाने वाले ग्रुप का ही एक सदस्य हो सकता है.
पुलिस को इस पर कार्रवाई करने में कोई देरी नहीं करनी चाहिए और इसको पकड़ना बहुत ही आसान है. इसको पकड़ने के लिए इसकी बैंक शाखा में जाना है और आसानी से वहां से इसकी सारी डिटेल मिल जाएगी और इसे पकड़ा जा सकता है. लेकिन पुलिस का धीमा रवैया ऐसे ठगो को मनोबल देता है और लूटने की शक्ति देता है.
कैसे पहचाने फर्जी वेबसाइट को?
भारत सरकार के द्वारा कोई भी वेबसाइट आम तरह के डोमेन नाम पर नहीं बनाई जाती. अगर सरकार के द्वारा कोई वेबसाइट जारी की जाती है तो उसे वेबसाइट के अंत में .gov.in या फिर .nic.in इत्यादि लगा होता है. यदि इसके अलावा .co.in अथवा .in या फिर .com, .net या फिर कुछ और लगा हो तो समझ लीजिए वह वेबसाइट सरकारी नहीं है.
किसी भी सरकारी जॉब पोर्टल पर पेमेंट फीस जमा करने के लिए किसी का पर्सनल अकाउंट नहीं पड़ा होता है. अगर पेमेंट करते टाइम अकाउंट में किसी का पर्सनल अकाउंट का नाम दिखाई दे. तो समझ लीजिए वेबसाइट फर्जी है. जैसे कि इस वेबसाइट पर पेमेंट करते के समय राहुल सिंह, अन्य व्यक्तियों के नाम दिखाई देते हैं.
इस वेबसाइट में कोई पेमेंट गेटवे भी नहीं है डायरेक्ट qr कोड पड़ा हुआ था, जबकि सरकारी वेबसाइट में एसबीआई के पेमेंट गेटवे या फिर billdesk के पेमेंट गेटवे इस्तेमाल किए जाते हैं. इतना ही नहीं पेमेंट सरकारी अकाउंट में जाती है भारत सरकार या फिर संबंधित मंत्रालय का नाम दिखाई देता है.
इसलिए किसी भी प्रकार की भर्ती के नाम से जारी किसी भी वेबसाइट पर यूं ही यकीन ना कर ले. गूगल पर मौजूद एक दो नहीं बल्कि करोड़ों वेबसाइट फर्जी हैं. जो सरकारी नौकरी के नाम से आपको ठग लेंगे इसलिए ऐसी वेबसाइट्स के चक्कर में ना पड़े.
निष्कर्ष
यहां सर्व शिक्षा अभियान रिक्वायरमेंट, टीचर भर्ती के नाम पर चल रहे फ्रॉड का पर्दाफाश किया गया है. सरकार के द्वारा किसी भी प्रकार की भर्ती नहीं निकाली गई है. उम्मीद करते हैं अब आप इस तरह के फ्रॉड में नहीं फसेंगे. लोगों तक इस खबर को पहुंच कर जागरूकता फैलाएं.