RTI क्या है? आरटीआई कैसे दायर करें?

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सरकार के द्वारा कई मामलों में भ्रष्टाचार खत्म करने के लिए ऐसी पहल की गई है, जिससे पारदर्शिता बनी रहे. तथा जनता और सरकारी प्राइवेट संस्थानों के बीच भ्रष्टाचार के मामले खत्म हो.

इसी कड़ी में आरटीआई यानी सूचना का अधिकार एक्ट आता है. वैसे तो यह मौलिक अधिकार था लेकिन इसको जमीनी तौर पर तथा ऑनलाइन पूरी तरह से लागू 2014 से 2022 के बीच किया गया.

आरटीआई का उपयोग करके किसी भी संस्थान से संबंधित कोई भी जानकारी ठीक ठीक पूछी जा सकती है और उसका जवाब भी, उस संस्थान के द्वारा सत्य देना पड़ता है. अगर जवाब गलत दिया जाए या फिर जवाब ना दिया जाए तो जिम्मेदार पर कड़ी कार्यवाही का प्रावधान है.

सूचना का अधिकार अधिनियम क्या है? RTI एक्ट क्या है?

आरटीआई जिसे सूचना का अधिकार एक्ट कहा जाता है. यह भारत का एक महत्वपूर्ण कानून है. यह कानून सूचना के लेनदेन से संबंधित है. इस कानून के अंतर्गत भारत के किसी भी नागरिकता प्राप्त व्यक्ति को किसी भी सरकारी और कुछ खास प्राइवेट संस्थानों की सूचना लेने का अधिकार है.

कोई भी नागरिक इस एक्ट का इस्तेमाल करके किसी भी संस्थान से उसके कार्य, खर्च, कर्मचारी, योगदान तथा कार्य प्रणाली या फिर संस्थान से संबंधित किसी भी जानकारी व अन्य घटना के संबंध में सवाल पूछ सकता है.

यह कानून उस संस्थान को जवाब देने के लिए बाध्य करता है. इसलिए अगर कोई नागरिक आरटीआई के तहत सवाल पूछेगा तो उसको जवाब जरूर मिलेगा.

आरटीआई के तहत मिले जवाब एक तरह से संस्थान के जिम्मेदार अधिकारी द्वारा दिए गए बयान होते हैं, इन बयानों में दी गई जानकारी गलत होती है. तो इसी के आधार पर मुकदमा किया जा सकता है.

यही के तहत पूछे गए सवालों का जवाब 30 दिनों के अंदर देना अनिवार्य होता है, परंतु इस समय सीमा के बाद भी अगर कोई संस्थान आरटीआई दायर करने वाले व्यक्ति को जवाब नहीं देता. तो 45 दोनों का अतिरिक्त समय भी दिया जा सकता है.

अथवा आरटीआई तैयार करने वाले व्यक्ति चाहे तो इसी को आधार बनाकर के विकास भवन अथवा माहिती अधिकारी के पास जाकर उक्त संस्थान के ऊपर कार्यवाही करवा सकता है. यह कार्यवाही काफी कड़ी होती है इसमें पुलिस केस भी हो सकते हैं.

आरटीआई के तहत जानकारी कैसे प्राप्त करें? RTI कैसे दायर करें?

आरटीआई ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों तरीके से की जाती है. ऑफलाइन तरीके से आरटीआई डालने के लिए आप संबंधित विभाग के एड्रेस पर एक लेटर भेज सकते हैं. लेटर को आरटीआई के फॉर्मेट में लिखा जाता है.

आरटीआई की ऑफलाइन प्रक्रिया

आवेदन पत्र बिल्कुल एक एप्लीकेशन की तरह होता है. बस इसमें एक बात का ध्यान रखा जाता है की सबसे ऊपर मोटे शब्दों में “सूचना का अधिकार अधिनियम 2005” लिखा जाना चाहिए.

इसके बाद आपका परिचय, तथा जिस विभाग की आप जानकारी चाहते हैं “सेवा में” लिखने के बाद उसे विभाग का परिचय, तथा एड्रेस लिखना है.

इसके बाद एप्लीकेशन के विषय में साफ साफ विषय में सूचना का अधिकार अधिनियम 2005 के अंतर्गत सूचना मांगने हेतु, लिखना अनिवार्य होता है. और उसके बाद विनम्र निवेदन करते हुए तथ्यात्मक रूप से अपने सभी सवालों का जिक्र करना होता है.

साथ ही यह भी लिखना अनिवार्य है कि आप किस प्रकार के फॉर्मेट में जानकारी चाहते हैं. अगर आप सिर्फ लिखित रूप में जानकारी चाहते हैं तो वही लिखे. अगर आप उसके साथ में संलग्न डॉक्यूमेंट भी चाहते हैं. यानी कि सबूत के रूप में संबंधित डॉक्यूमेंट भी मांगने के लिए उसका भी जिक्र करें.

बस इतना ही करना होता है. उसके बाद संबंधित विभाग 30 दिनों के भीतर आपका लेटर का जवाब देता है और आपके द्वारा मांगे गए साक्ष्य तथा प्रश्नों के उत्तर देता है.

कई बार अगर आपको 30 दिनों के भीतर जवाब ना मिले तो आप उस विभाग के माहिती अधिकारी के पास अपील लेटर भेज सकते हैं. अपील लेटर करने के 45 दिनों के बाद भी अगर आपको जवाब नहीं मिलता. तो आप दोनों आवेदन पत्रों और उनको भेजने के दिनांक के हिसाब से काउंट करके. सबूत के तौर पर पोस्ट स्लिप लेकर के कार्यवाही के लिए आवेदन दे सकते हैं.

आरटीआई की ऑनलाइन प्रक्रिया

आरटीआई की ऑनलाइन प्रक्रिया बहुत ही आसान हो गई है. इसके लिए आपको केंद्र सरकार अथवा राज्य सरकार की आरटीआई वेबसाइट पर जाना है.

केंद्र सरकार के द्वारा जारी की गई आरटीआई की वेबसाइट https://rtionline.gov.in/ पर भी आप आवेदन कर सकते हैं परंतु अगर आप अपने काम में तेजी चाहते हैं. और आप जिस संस्थान की जानकारी चाहते हैं वह राज्य सरकार के अंतर्गत आता है. तो आपको राज्य सरकार की आरटीआई वेबसाइट पर आरटीआई फाइल करनी चाहिए.

प्रत्येक राज्य सरकार की अलग अलग आरटीआई वेबसाइट है लेकिन काम सब का वही है. आप जिस भी स्टेट से हैं उसे स्टेट का नाम लिखकर के आरटीआई ऑनलाइन लिखकर के गूगल सर्च करें. आपको आपके स्टेट की वेबसाइट मिल जाएगी.

यहां पर आपको आरटीआई ऑनलाइन करने के लिए apply बटन पर क्लिक करके आरटीआई फाइल करना है.

यहां पर आपको किसी भी प्रकार का एप्लीकेशन अपलोड नहीं करना होता है बस अपने नाम से अकाउंट बनाकर दिए के फॉर्म में संबंधित संस्थान का नाम या फिर कैटेगरी जैसे शिक्षा विभाग, बिजली सिंचाई आदि सेलेक्ट करनी होती है और उसके बाद आप मैन्युअल उस संस्थान का नाम लिख सकते हैं.

इसके बाद जो बॉक्स होता है उसमें आप अपने सवालों को लिख सकते हैं और आरटीआई की फीस पे कर सकते हैं. प्लीज प्ले करने के 10 से 30 दिनों के अंदर आपकी आरटीआई का जवाब आपको मिल जाता है. जवाब न मिलने पर आप ऑनलाइन ही अपील दायर कर सकते हैं.

राज्य सरकार के अंतर्गत आने वाली आरटीआई पर न्यायालय नजर रखता है इसलिए परेशान होने की कोई बात नहीं आपको जवाब जरूर मिलेगा. और अगर जवाब नहीं मिलता है तो आप बड़े आसानी से उस संस्थान पर आरटीआई को इग्नोर करने का और जानकारी छुपाने का मामला दर्ज कर सकते हैं.

आरटीआई एक्ट की विशेषताएं

कोई भी व्यक्ति आरटीआई एक्ट के तहत किसी भी संस्थान से जवाब मांग सकता है. बशर्ते जिस विषय में जो सवाल पूछा गया हो वह संस्थान से संबंधित हो.

कोई भी संस्थान शिक्षा, बिजली, नगर निगम, परिवहन, पुलिस विभाग या फिर कोई भी अन्य संस्थान आरटीआई का जवाब देने से इनकार नहीं कर सकता.

आरटीआई का जवाब तय समय सीमा के अंदर देना होता है. जवाब न दिए जाने पर कार्यवाही की सकती है.

आरटीआई के लाभ

आरटीआई का इस्तेमाल करके आप भ्रष्टाचार को रोक सकते हैं. बिजली पानी सड़क निर्माण बिल्डिंग शिक्षा यदि किसी प्रकार के सरकारी फंड के उपयोग और गलत तरीके से हो रहे काम से संबंधित भ्रष्टाचार पर लगाम लगाने के लिए आरटीआई दायर की जा सकती है.

आरटीआई के बाद या तो संस्थान को सही जवाब देना होगा, या फिर संस्थान गलत जवाब देगा अथवा जवाब नहीं देगा. दोनों स्थिति में भ्रष्टाचार का खुलासा होता है. सही जवाब देने पर भ्रष्टाचार की पोल संस्थान खुद खोल बैठेगा. गलत जवाब देने पर आप जांच करवा करके उन पर कार्यवाही कर सकते हैं. आरटीआई के जवाब में दी गई जानकारी और वास्तविक जानकारी अलग अलग होने पर संबंधित अधिकारियों पर कार्यवाही मुकदमा और जेल तक हो सकती है.

जवाब न देने पर संबंधित अधिकारी निलंबित या फिर परमानेंट नौकरी से निष्कासित किया जा सकते हैं. इसलिए आरटीआई का उपयोग बहुत महत्वपूर्ण है आरटीआई का उपयोग करें और भ्रष्टाचार खत्म करें.

निष्कर्ष

आरटीआई एक बहुत ही शक्तिशाली कानूनी अधिकार है जिसका उपयोग करके पारदर्शिता को बढ़ावा दिया जाता है भ्रष्टाचार के मामलों से निपटा जाता है. उम्मीद करते हैं इस पेज में प्रदान की गई आरटीआई से संबंधित जानकारी आपके लिए उपयोगी सिद्ध होगी.

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