Deepfake video कैसे बनाएं? डीपफेक से कैसे बचें? जानिए विस्तार से

deepfake video banana
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हाल ही में कई नेताओं, व्यापारियों, अभिनेताओं और ऐक्ट्रेसेज़ के कई आपत्तिजनक वीडियो सामने आए जो बाद में फेक साबित हुए. लेकिन देखने में वो वीडियो बिलकुल असली लगते हैं। ऐसा कैसे हुआ एक फेक असली वीडियो की तरह कैसे दिख रहा था? असल में यह सब डीपफेक तकनीकी से संभव होता है। DeepFake के बारे में जानने और सीखने को हर कोई उत्सुक है।

बेशक आप भी इस तकनीकी को सीखना चाहते होंगे। इसलिए आजके आर्टिकल में हम आपको Deepfake क्या है, डीपफेक वीडियो कैसे बनाएं जाते हैं. क्या आप deepfake बनाना सीख पाएंगे। इन सब बातों की पूरी जानकारी इस आर्टिकल में मिलेगी.

डीपफेक क्या है? DeepFake in Hindi

डीप फेक एक ऐसी तकनीक होती है जिसके द्वारा किसी वीडियो पर किसी अन्य का चेहरा लगा दिया जाता है। चेहरे के साथ साथ आवाज में भी मनचाहा बदलाव करके, किसी की भी आवाज बनाई जा सकती है। इसको इतनी गहराई से एडिट किया जाता है इसके असली अथवा नकली होने की पहचान करना मुश्किल हो जाता है इसीलिए इस प्रकार की तकनीक का इस्तेमाल करके बनाए गए वीडियो को डीप फेक वीडियो कहते हैं।

Deepfake(left) Elon Musk(right)

यह तकनीक किसी वीडियो को पूरी तरह से जांचती है यानी कि डीप लर्निंग करती है। फिर उस वीडियो में दूसरी फोटोस के द्वारा वह सारी एडिटिंग कर देती है जिससे वह वीडियो पूरी तरह से किसी दूसरे व्यक्ति का वीडियो बन जाता है।

इस तरह के Deepfake वीडियो को तैयार करने में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की भी मदद ली जाती है। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस बहुत ही सफाई से वीडियो में सारे बदलाव कर देता है।

इस प्रकार कोई भी साधारण वीडियो जिसमें किसी फेमस पर्सनालिटी का चेहरा लगा दिया जाता है, और चेहरा इस प्रकार से लगाया जाता है लोगों को वह असली वीडियो समझ आता है। इस तरह deepfake वीडियो तैयार हो जाता है।

डीप फेक में कौन सा सॉफ्टवेयर इस्तेमाल होता है?

इंटरनेट पर और कई सारे ऐप स्टोर पर ऐसी एप्लीकेशन मौजूद है जो सस्ते क्वालिटी की deepfake वीडियो बनाने के विकल्प देती हैं।  ऐसी एप्लीकेशन पर यूजर कोई भी वीडियो अपलोड करके उस वीडियो पर अपना या फिर किसी और का चेहरा लगा सकते हैं. परंतु ऐसी एप्लीकेशन से बनाए गए वीडियो साफ तौर पर एडिटेड समझ में आते हैं. उन्हें देखने से ही पता चल जाता है कि यह एक फर्जी वीडियो है.

अब ये जानना जरूरी है की Deepfake वीडियो किस सॉफ्टवेयर से बनाए जिससे वह एकदम असली वीडियो लगें. तो अब हम यहां आपको वो सॉफ्टवेयर बताने जा रहे हैं जिनसे एक दम असली Deepfake वीडियो बनाए जाते हैं.

  1. DeepFaceLab
  2. DeepFaceLive
  3. Machine Video Editor
  4. FaceSwap

Deepfake बनाने वाली टेक्नोलॉजी बहुत ज्यादा विशिष्ट है, बहुत ज्यादा ही बेहतरीन है. टेक्नोलॉजी के हिसाब से अगर वीडियो बनाया जाएगा तो उसको कोई जान ही नहीं सकता कि वह नकली. उसे वीडियो के नकली होने की बात वही समझ पाएंगे जिन्होंने पहले ही ओरिजिनल वीडियो देख रखा होगा. इसके बाद भी यह तय करना मुश्किल हो जाएगा कि दोनों में से डीप फेक वीडियो कौन है.

Deepfake वीडियो कैसे बनाएं जाते हैं?

मान लीजिए आपके पास कोई वीडियो है जिसमें व्यक्ति सामने से खड़ा होकर बात कर रहा है और अपना सर घुमाता है. जिससे उसके लेफ्ट साइड के कान और राइट साइड के कान दिखाई देते हैं. अब अगर आपको इसी वीडियो में किसी और व्यक्ति का चेहरा लगाना है तो उसे व्यक्ति की करीब हर उसे एंगल से फोटो चाहिए जिस एंगल में वीडियो वाले व्यक्ति ने अपना चेहरा घुमाया.

अगर वीडियो वाले व्यक्ति ने राइट ओर लेफ्ट साइड में अपना चेहरा घुमा कर दो हिस्से दिखाएं हैं तो आपको भी दोनों हिस्सों का सामने से चेहरा घूमते हुए करीब 20 से 25 फोटो चाहिए. जिसमें व्यक्ति सामने से धीरे धीरे चेहरा घूमते हुए साइड का कान तक दिखता है. ऐसे ही दोनों साइड से 25 फोटो होने चाहिए.

इसी तरह उसे व्यक्ति के कई सारे एक्सप्रेशन के साथ सामने से चेहरे के 25 से 30 कम से कम फोटो होने चाहिए. आपको हर उसे एंगल में फोटो खींच लेना है जिस एंगल में वीडियो वाला व्यक्ति का चेहरा दिखाई देता है.

यहां पर मैंने फोटो की संख्या कम से कम 20 से 25 बताइ है. अगर आप और बेहतर deepfake वीडियो बनाना चाहेंगे तो आपको हर छोटे से छोटा फ्रेम रेट में कई सारी फोटोस की जरूरत पड़ेगी जिनकी संख्या 2000 तक हो सकती है.

आपको इन्हीं सारी फोटोस का उपयोग करना है Deepface lab सॉफ्टवेयर में। यह सॉफ्टवेयर इन सारी फोटोस को आपके मनचाहे वीडियो से सिंक्रोनाइज करके एक नया deepfake वीडियो तैयार कर देता है।

Deepfacelab को कैसे इस्तेमाल करते हैं और उसका कैसे उपयोग करके आप यह सब करेंगे यह आपके सीखने की शक्ति पर निर्भर करता है.

Deepfacelab VFX क्या है?

Deepface lab एक बहुत ही ज्यादा विकसित Deepfake वीडियो मेकर सॉफ्टवेयर है इंटरनेट पर मौजूद लगभग 95% डीप फेक वीडियो इसी सॉफ्टवेयर के द्वारा बनाए गए.

यह पूरी तरह से मुक्त सॉफ्टवेयर है इसको आप अपने कंप्यूटर पर डाउनलोड कर सकते हैं. इतना ही नहीं इसके साथ कई सारे सॉफ्टवेयर की श्रृंखला है. आपको इसका कोई भी प्राइस नहीं देना पड़ता यह सब पूरी तरह से फ्री है.

थोड़े से प्रयास से आप इन सॉफ्टवेयर को चलाना सीख सकते हैं. यह एक तरह से वीडियो फोटो एडिटर की तरह ही काम करते हैं. परंतु इनका काम थोड़ा विशेष है.

Deepfacelab vfx को डाउनलोड करने के लिए आप गूगल पर यह सर्च कर सकते हैं. गूगल पर Deepface VFX.com के नाम से यह वेबसाइट है जिस पर सारे के सारे सॉफ्टवेयर मौजूद है.

डीप फेक वीडियो से क्या नुकसान है?

ऐसे वीडियो लोगों की इज्जत बर्बाद कर देते हैं. भारत और अन्य देशों में भी कई बड़ी पर्सनालिटी के ऐसे आपत्तिजनक के लिए फेक वीडियो बनाए गए हैं जिससे नॉर्मल पब्लिक के बीच में उनकी खराब छवि बन गई.

डीप फेक वीडियो बहुत जल्दी वायरल होते हैं लेकिन उनके पीछे का सच लोगों तक नहीं पहुंचता है, यह बार जाहिर होने के बाद भी कि वह वीडियो नकली था. अनगिनत लोग उसका उपयोग हमले के लिए करते रहते हैं.

कई सारे बड़े नेताओं जिनमें बराक ओबामा डोनाल्ड ट्रंप भी शामिल है, ऐसे नेताओं के डीप फेक वीडियो बनाकर गलत बयान के वीडियो वायरल किए गए. और इनके आधार पर उन्हें कई सालों तक ट्रॉल भी किया गया.

टेस्ला के मालिक एलोन मस्क के ऊपर तो अधिकतर डीप फेक वीडियो बनाए जाते हैं. हालांकि वह एक अलग किस्म का इंसान और उसे इन सब चीजों से फर्क नहीं पड़ता. वह तो खुद ही अपना डीप फेक वीडियो शेयर करता रहता है.

आप देखेंगे कि अधिकतर डीप फेक वीडियो पर उदाहरण के तौर पर एलोन मस्क के वीडियो इस्तेमाल किए जाते हैं. और उसे इससे कोई आपत्ति नहीं है.

यहां पर देखने वाला पहलू यह है कि अगर मजाक के तौर पर कोई डीप फेक वीडियो बनाया गया हो तो कोई नुकसान नहीं होता. परंतु एक सीरियस दृष्टिकोण से किसी आधिकारिक जानकारी को शेयर करने का दावा करते हुए बनाए जाने वाले डीप फेक वीडियो काफी ज्यादा नुकसान लाते हैं. और वह फेक न्यूज की श्रेणी में भी आते हैं.

डीपफेक से कैसे बचें? क्या है कानूनी कार्यवाही

यदि किसी का आपत्तिजनक डीप फेक वीडियो बनाकर के सोशल मीडिया या अन्य किसी प्लेटफार्म पर शेयर किया गया है. और उससे लोगों के बीच में गलत संदेश जाता है. ऐसे में आईटी एक्ट के तहत अपराधी कार्यवाही की जाती है.

ऐसे मामले क्रिमिनल कोर्ट में लड़े जाते हैं, और इसमें गंभीर सजा का प्रावधान है. हालांकि इसके बाद भी कई लोग पैरोडी अकाउंट्स बनाकर फेक वीडियो शेयर किया करते हैं.

इसलिए यदि कोई आपके खिलाफ deepfake video बनाकर आपकी मानहानि करने की कोशिश करता हैं तो आप उस अपमान से बचने के लिए कानून का सहारा ले सकते हैं.

कई बार डीप फेक वीडियो का नुकसान न होने के बाद भी कानूनी कार्रवाई हो जाती है. हाल ही में ममता बनर्जी जो बंगाल की मुख्यमंत्री हैं उनके ऊपर मजाक के तौर पर डांस करने वाला दी फेक वीडियो बनाया गया था. हालांकि में डीप फेक वीडियो साफ तौर पर नकली दिखाई देता था और उसके लिए केवल मनोरंजन के उद्देश्य से बनाया गया था लेकिन उसके बाद भी उन्होंने वहां से पुलिस को वीडियो डालने वाले यूजर को गिरफ्तार करने का निर्देश दे दिया.

वहीं दूसरी तरफ ऐसा ही वीडियो नरेंद्र मोदी के ऊपर बनाया गया था जिसे नरेंद्र मोदी ने शेयर करके बनाने वाली की तारीफ भी की. और लिखा कि ऐसे वीडियो काफी अच्छा मनोरंजन करते हैं. मैं भी इन्हें एंजॉय करता हूं.

यानी यह उस व्यक्ति के दिमाग पर भी निर्भर करता है, जिस पर आपने वीडियो बनाया. अगर उसे पसंद नहीं आता है तो भी वह मुकदमा कर सकता है.

निष्कर्ष

इस आर्टिकल में हमने Deepfake टेक्नोलॉजी के बारे में बताया है, Deepfake वीडियो कैसे बनाए जाते हैं और किस सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल करके बनाए जाते हैं इन्हें बनाने के लिए क्या प्रक्रिया है, तथा गलत तरीके से वीडियो बनाने पर क्या कानूनी कार्रवाई हो सकती है आदि विषयों पर पूरी जानकारी विस्तार से उपलब्ध कराई है. उम्मीद करते हैं यह आपके लिए उपयोगी साबित होगी.

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