छोटे से ऑफिस से लेकर बड़ी से बड़ी इंडस्ट्री तक सभी का डाटा कंप्यूटर के द्वारा मैनेज किया जा रहा है. पहले सिर्फ आईटी सेक्टर में ही कंप्यूटर का इस्तेमाल होता था, परंतु अब कंप्यूटर हर एक विभाग की जरूरत बन चुका है. इसीलिए अगर आप किसी भी विभाग में अच्छी नौकरी चाहते हैं तो आपको कंप्यूटर के क्षेत्र में कोई ना कोई computer course करना चाहिए.
अगर आप भी कंप्यूटर कोर्सेज में इंटरेस्टेड हैं और उनके बारे में जानना चाहते हैं तो आज के इस आर्टिकल में हम आपको कंप्यूटर कोर्स के नाम बताएंगे और उन सभी कंप्यूटर कोर्सेज के बारे में विस्तार से जानकारी भी प्रदान करेंगे.
कंप्यूटर कोर्स कितने प्रकार के होते हैं? सभी कंप्यूटर कोर्स के नाम
भारत में अलग अलग सेक्टर में अलग अलग प्रकार के कंप्यूटर कोर्स कराए जाते हैं, प्रत्येक कंप्यूटर कोर्स का एक अलग उद्देश्य होता है. जैसे कि किसी को ऑफिस में सिर्फ प्रिंटआउट और कुछ बहुत एक्सल डाटा इत्यादि अपडेट करना है. उसके लिए साधारण कंप्यूटर कोर्स होते हैं किसी को वेबसाइट और एप्लीकेशन इत्यादि का कार्य सीखना है उसके लिए प्रोग्रामिंग के कंप्यूटर कोर्स होते हैं.
लोगों की आवश्यकता बढ़ती जाती है और कंप्यूटर कोर्स भी बढ़ते जाते हैं, इसीलिए कंप्यूटर कोर्सेज की कोई फिक्स संख्या नहीं है. जैसे जैसे जरूर बढ़ेगी नए नए प्रोग्राम आएंगे नए नए सॉफ्टवेयर और नए नए कार्य आएंगे
इसी तरह बहुत सारे अलग अलग प्रकार के कार्यों के लिए अलग अलग प्रकार के कंप्यूटर कोर्स मौजूद है. और आप भारत में कहीं पर भी रहते हो इन कंप्यूटर कोर्स को कर पाएंगे. तो चलिए जानते हैं उन कंप्यूटर कोर्सेज के बारे में.
यहां हम आपके कंप्यूटर कोर्सेज को पांच भागों में बांट कर समझाएंगे-
- प्रोफेशनल कंप्यूटर कोर्स
- डिग्री एंड डिप्लोमा कोर्स
- सर्टिफिकेट और शॉर्ट टर्म कोर्स
- ऑनलाइन और स्पेशलाइज्ड कोर्स
- प्रोग्रामिंग और अन्य कंप्यूटर कोर्स
तो चलिए अब इनका विस्तार से समझे.
1. प्रोफेशनल कंप्यूटर कोर्सेज
वह सारे कंप्यूटर कोर्स जिनका उद्देश्य सिर्फ और सिर्फ किसी एक उद्देश्य से संबंधित नौकरी करने के लिए होता है वह प्रोफेशनल कंप्यूटर कोर्सेज माने जाते हैं.
A) एडवांस्ड डिप्लोमा इन कंप्यूटर एप्लीकेशन ADCA
यह एक एडवांस्ड लेवल का डिप्लोमा कोर्स है जिसमें कंप्यूटर एप्लिकेशन, प्रोग्रामिंग, और सॉफ्टवेयर डेवलपमेंट की विस्तृत जानकारी दी जाती है। इसमें छात्रों को बुनियादी से लेकर एडवांस्ड प्रोग्रामिंग, डेटाबेस मैनेजमेंट, और सॉफ्टवेयर टेस्टिंग की स्किल्स सिखाई जाती हैं। इस कोर्स के बाद छात्र विभिन्न आईटी कंपनियों में अच्छी पोजीशन पर काम कर सकते हैं।
ADCA के बारे में विस्तार से जानने के लिए ये आर्टिकल पढ़िए – ADCA course क्या है? एडीसीए कैसे करें? योग्यता, शिक्षा और फीस जानिए
B) एडवांस्ड डिप्लोमा इन सॉफ्टवेयर डेवलपमेंट
यह कोर्स सॉफ्टवेयर डेवलपमेंट की एडवांस्ड स्किल्स पर केंद्रित है। इसमें छात्रों को विभिन्न प्रोग्रामिंग लैंग्वेज, सॉफ्टवेयर इंजीनियरिंग प्रिंसिपल्स, और प्रोजेक्ट मैनेजमेंट की जानकारी दी जाती है। इस कोर्स के बाद छात्र सॉफ्टवेयर डेवलपर, सॉफ्टवेयर इंजीनियर, और प्रोजेक्ट मैनेजर के रूप में काम कर सकते हैं।
C) सर्टिफाइड इथिकल हैकिंग (CEH)
यह कोर्स साइबर सिक्योरिटी में रुचि रखने वाले छात्रों के लिए है। इसमें छात्रों को नेटवर्क सिक्योरिटी, वल्नरेबिलिटी असेसमेंट, और एथिकल हैकिंग की तकनीकों की जानकारी दी जाती है। इस कोर्स के बाद छात्र साइबर सिक्योरिटी एक्सपर्ट, इथिकल हैकर, और सिक्योरिटी कंसल्टेंट के रूप में काम कर सकते हैं।
D) COPA कंप्यूटर ऑपरेटर एंड प्रोग्रामिंग असिस्टेंट
यह कोर्स छात्र को प्रोफेशनल कंप्यूटर ऑपरेटर बनाने के लिए कराया जाता है. भारत सरकार के द्वारा चलाई जाने वाले आईटीआई संस्थाओं के द्वारा इसका आयोजन किया जाता है और पूरी ट्रेनिंग के बाद परीक्षा के साथ इसका सर्टिफिकेट प्रदान किया जाता है. इस माय स्कॉलरशिप की व्यवस्था है और इस कोर्स के साथ आप किसी भी संस्थान में कंप्यूटर ऑपरेटर के पद पर कार्य कर सकते हैं.
COPA के बारे में विस्तार से जानने के लिए ये आर्टिकल पढ़ें – COPA Course क्या है? कोपा कैसे करें? योग्यता, शिक्षा और फीस जानिए
2. डिग्री और डिप्लोमा कंप्यूटर कोर्स
यह ऐसे कोर्स हैं जो किसी यूनिवर्सिटी अथवा विश्वविद्यालय में कंप्यूटर से संबंधित बैचलर, मास्टर और स्पेशल लेवल की शैक्षिक ज्ञान को प्रदान करने के लिए कराए जाते हैं. ये कोर्स आईटी सेक्टर आईआईटीयंस के लिए होते हैं.
A) बी.टेक / बी.ई इन कंप्यूटर साइंस
यह कोर्स चार साल का अंडरग्रेजुएट प्रोग्राम है जिसमें छात्रों को कंप्यूटर साइंस और इंजीनियरिंग के विभिन्न पहलुओं के बारे में सिखाया जाता है। इसमें प्रोग्रामिंग, डेटा स्ट्रक्चर्स, एल्गोरिदम, नेटवर्किंग, डेटाबेस मैनेजमेंट सिस्टम्स, और सॉफ्टवेयर डेवलपमेंट जैसे विषय शामिल होते हैं। इस कोर्स के बाद, छात्र आईटी कंपनियों में सॉफ्टवेयर डेवलपर, सिस्टम एनालिस्ट, नेटवर्क इंजीनियर, या रिसर्च और डेवलपमेंट सेक्टर में काम कर सकते हैं।
B) बी.सी.ए (बैचलर ऑफ कंप्यूटर एप्लिकेशन)
यह तीन साल का अंडरग्रेजुएट प्रोग्राम है जो विशेष रूप से सॉफ्टवेयर एप्लिकेशन के विकास पर केंद्रित है। इसमें प्रोग्रामिंग लैंग्वेज, वेब डेवलपमेंट, डेटाबेस मैनेजमेंट, और सॉफ्टवेयर इंजीनियरिंग जैसे विषय शामिल होते हैं। बी.सी.ए करने के बाद, छात्र सॉफ्टवेयर डेवलपर, वेब डेवलपर, सिस्टम एडमिनिस्ट्रेटर, और अन्य आईटी संबंधी नौकरियों में काम कर सकते हैं।
C) एम.सी.ए (मास्टर ऑफ कंप्यूटर एप्लिकेशन)
यह दो साल का पोस्टग्रेजुएट प्रोग्राम है जिसे बी.सी.ए या अन्य कंप्यूटर संबंधित डिग्री पूरी करने के बाद किया जा सकता है। इस कोर्स में एडवांस्ड प्रोग्रामिंग, नेटवर्किंग, डेटा साइंस, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, और सॉफ्टवेयर डेवलपमेंट पर गहराई से अध्ययन किया जाता है। एम.सी.ए की डिग्री रखने वाले प्रोफेशनल्स को उच्च स्तर के तकनीकी और प्रबंधन संबंधी पदों पर नियुक्ति मिल सकती है।
3) सर्टिफिकेट और शॉर्ट टर्म कोर्स
ऐसे कोर्स होते हैं जिन्हें कम समय में पूरा कराया जाता है और टारगेटेड विषय पर जानकारियां दी जाती हैं. इन कोर्स को प्रोफेशनल कार्यों में भी इस्तेमाल किया जाता है और आमतौर पर स्किल इंप्रूव करने के लिए इन कोर्सेज को किया जाता है.
A) सर्टिफिकेट इन कंप्यूटर कॉन्सेप्ट CCC
स्कोर्स में कंप्यूटर की जानकारियां दी जाती है और लगभग सभी प्रोग्राम्स और कंप्यूटर के इतिहास के बारे में बताया जाता है. स्कोर्स में कंप्यूटर प्रोग्राम्स की आवश्यकता जरूरत और उपयोग करने के तरीकों को भी मौखिक रूप से बताया जाता है. यह सरकार द्वारा वेरीफाइड और सर्टिफाइड कोर्स होता है. ज्यादातर सरकारी नौकरियों में इसकी जरूरत होती है.
सीसीसी के बारे में विस्तार से जानने के लिए ये आर्टिकल पढ़िए – सीसीसी क्या है? CCC Computer Course योग्यता, फीस, सिलेबस की पूरी जानकारी
B) सर्टिफिकेट इन कंप्यूटर एप्लिकेशन
यह एक शॉर्ट-टर्म कोर्स है जिसे किसी भी स्तर पर किया जा सकता है। यह कोर्स बुनियादी कंप्यूटर स्किल्स, माइक्रोसॉफ्ट ऑफिस, इंटरनेट और ईमेल, और बेसिक प्रोग्रामिंग की जानकारी प्रदान करता है। इस कोर्स को करने के बाद छात्र कंप्यूटर ऑपरेटर, डेटा एंट्री ऑपरेटर, और अन्य बेसिक आईटी नौकरियों में काम कर सकते हैं।
C) डिप्लोमा इन वेब डिजाइनिंग
यह कोर्स वेब डिजाइनिंग और वेब डेवलपमेंट में रूचि रखने वाले छात्रों के लिए है। इसमें HTML, CSS, JavaScript, और विभिन्न वेब डेवलपमेंट टूल्स और तकनीकों की जानकारी दी जाती है। इस कोर्स के बाद छात्र वेब डिजाइनर, यूआई/यूएक्स डिजाइनर, और फ्रंट-एंड डेवलपर के रूप में काम कर सकते हैं।
D) डिप्लोमा इन ग्राफिक डिजाइनिंग
इस कोर्स में एडोब फोटोशॉप, इलस्ट्रेटर, और कोरलड्रॉ जैसे सॉफ्टवेयर का उपयोग करके ग्राफिक डिजाइनिंग की तकनीकों की जानकारी दी जाती है। इसमें लोगो डिजाइनिंग, पोस्टर डिजाइनिंग, और विज्ञापन सामग्री बनाने की स्किल्स शामिल होती हैं। इस कोर्स के बाद छात्र ग्राफिक डिजाइनर, विज्ञापन एजेंसी में क्रिएटिव डिजाइनर, और फ्रीलांस डिजाइनर के रूप में करियर बना सकते हैं।
4) ऑनलाइन और स्पेशलाइज्ड कोर्स
जो कंप्यूटर सर्वर इंटरनेट से जोड़कर काम करते हैं ऐसे क्षेत्र में भी कई सारे करियर के अवसर होते हैं. उनमें स्पेशलाइज्ड ऑनलाइन कंप्यूटर कोर्स होते हैं. उसकी ट्रेनिंग लेने वाले लोग सिक्योरिटी और जानकारी के इकट्ठा करने तथा जांच पड़ताल का काम करते हैं. जैसे की-
A) डेटा एनालिटिक्स
इस कोर्स में डेटा विश्लेषण की तकनीकों और टूल्स की जानकारी दी जाती है। इसमें डेटा विज़ुअलाइज़ेशन, मशीन लर्निंग, और बिग डेटा एनालिटिक्स शामिल होते हैं। इस कोर्स के बाद छात्र डेटा एनालिस्ट, बिजनेस एनालिस्ट, और डेटा साइंटिस्ट के रूप में काम कर सकते हैंमशीन लर्निंग और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस: यह कोर्स आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और मशीन लर्निंग की एडवांस्ड स्किल्स पर केंद्रित है। इसमें छात्रों को न्यूरल नेटवर्क्स, डीप लर्निंग, और एआई एल्गोरिदम की जानकारी दी जाती है। इस कोर्स के बाद छात्र एआई इंजीनियर, मशीन लर्निंग इंजीनियर, और डेटा साइंटिस्ट के रूप में काम कर सकते हैं।
B) साइबर सिक्योरिटी
इस कोर्स में छात्रों को साइबर थ्रेट्स, नेटवर्क सिक्योरिटी, और एथिकल हैकिंग की तकनीकों की जानकारी दी जाती है। इसमें छात्रों को प्रैक्टिकल स्किल्स और रियल-टाइम प्रोजेक्ट्स के माध्यम से प्रशिक्षण दिया जाता है। इस कोर्स के बाद छात्र साइबर सिक्योरिटी एनालिस्ट, इथिकल हैकर, और सिक्योरिटी कंसल्टेंट के रूप में काम कर सकते हैं।
5) अन्य Computer कोर्स
इसके अलावा भी कुछ ऐसे कंप्यूटर कोर्स हैं जो पहले बताए गए कंप्यूटर कोर्सेज का ही हिस्सा होते हैं परंतु उनकी कुछ खास खूबियों को अलग करके एक अलग कोर्स के रूप में लोगों को सिखाया जाता है. जैसे की-
A) कोडिंग बूटकैम्प
कोडिंग बूटकैम्प एक शॉर्ट-टर्म इंटेंसिव ट्रेनिंग प्रोग्राम है जिसमें छात्रों को प्रोग्रामिंग की एडवांस्ड स्किल्स सिखाई जाती हैं। इसमें वेब डेवलपमेंट, मोबाइल एप डेवलपमेंट, और सॉफ्टवेयर इंजीनियरिंग के बारे में गहराई से प्रशिक्षण दिया जाता है। कोडिंग बूटकैम्प के बाद छात्र सॉफ्टवेयर डेवलपर और वेब डेवलपर के रूप में करियर बना सकते हैं।
B) डिजिटल मार्केटिंग
यह कोर्स डिजिटल मार्केटिंग की विभिन्न तकनीकों और टूल्स पर केंद्रित है। इसमें सर्च इंजन ऑप्टिमाइजेशन (SEO), सोशल मीडिया मार्केटिंग, ईमेल मार्केटिंग, और कंटेंट मार्केटिंग की जानकारी दी जाती है। इस कोर्स के बाद छात्र डिजिटल मार्केटिंग स्पेशलिस्ट, एसईओ एनालिस्ट, और सोशल मीडिया मैनेजर के रूप में काम कर सकते हैं।
C) पायथन प्रोग्रामिंग
पायथन प्रोग्रामिंग कोर्स में छात्रों को पायथन लैंग्वेज की बुनियादी से लेकर एडवांस्ड स्किल्स सिखाई जाती हैं। इसमें डेटा साइंस, मशीन लर्निंग, और वेब डेवलपमेंट के लिए पायथन का उपयोग सिखाया जाता है। इस कोर्स के बाद छात्र पायथन डेवलपर, डेटा साइंटिस्ट, और मशीन लर्निंग इंजीनियर के रूप में काम कर सकते हैं।
तो यह है वह सभी कंप्यूटर कोर्स जीने करके छात्र अपना कैरियर बना सकते हैं और अच्छी खासी कमाई कर सकते हैं. इनमें कई सारे कंप्यूटर कोर्स ऐसे हैं जो आपको सालाना करोड़ों रुपए का पैकेज दिलाते हैं. और कई सारे कोर्स ऐसे भी हैं जिनसे आप अपनी साधारण वेतन वाली नौकरी पा सकते हैं.
आपको इन कंप्यूटर कोर्सेज को करने के बाद अच्छी नौकरी मिलती है या आप अपना खुद का व्यापार करते हैं यह आपकी रणनीति और आपकी कार्य शैली तथा समय पर निर्भर करता है.
निष्कर्ष
हमने आपको यहां पर कई सारे कंप्यूटर कोर्सेज के नाम बताएं और उनकी जानकारी दी है. उम्मीद करते हैं आपको सभी कंप्यूटर कोर्सेज के बारे में ठीक से पता चल चुका होगा.